Sunday, March 29, 2020

कोरोना: एन आर आईज को खलनायक समझना ठीक नहीं

विदेशों से लौटे अपने ही लोग हैं वे-उनका सहयोग आवश्यक है 
कर्फ्यू के दौरान सिवल लाईन्ज़ लुधियाना की एक सड़क पर 25 मार्च की एक तस्वीर जिसे क्लिक किया पंजाब स्क्रीन टीम ने 
चंडीगढ़//खरड़//लुधियाना: 28 मार्च 2020: (पुष्पिंदर कौर//मोहाली स्क्रीन):: 
जब कोई व्यक्ति अपना घर, परिवार और देश छोड़ कर विदेश जाता है तो उसे कमाई की पूरी ख़ुशी कभी नहीं हो पति क्यूंकि हर पल एक दर्द उसे सालता रहता है कि कैसे होंगे मेरे परिवार के लोग। जानेमाने पंजाबी शायर सुरजीत पात्र ने तो बहुत ही मार्मिक शब्दों में कहा है:
जो बदेसां 'च रुल्दे ने रोटी लई, 
ओह जदों देस परतणगे आपणे कड़ी!
जां तां सेकणगे मां दे सिवे दी अगन,
ते जां कबरां दे रुख हेठ जा बैहणगे!
सो ज़ाहिर है कि वह कमाई जिससे उनके परिवारों पर चढ़े कर्ज़े उतरते हैं। चार दिन अच्छी ज़िंदगी जीना आता है। कुछ सपने साकार होते हैं--वही कमाई उनसे बहुत कुछ छीन भी लेती है। आखिरी समय वे लोग अपनी मां, पिता या अन्य परिजनों के पास नहीं होते। बस सारी उम्र यही सोचते हैं--जाते जाते उसने आवाज़ तो दी होगी....! लेकिन कभी नहीं जान पाते कि अपने जिस परिजन से नहीं मिल पाते उसने जाते जाते कहा क्या होगा। इस सब के बावजूद इन ऐन आर आई लोगों ने अपने परिवार के साथ अपने गांव, अपने इलाके, अपने स्कूल-कालेज और अपने देश के लिए ही बहुत योगदान दिया है। वे लम्बे समय से समाज के नायक चले आ रहे हैं। 
अब सारी दुनिया में कोरोना का कहर टूटा तो इन एन आर आई नायकों को लोग खलनायक के तौर पर देखने लगे। कोरोना क्या है इसे अब तक बहुत अच्छी तरह से समझाया जा चुका है। इस पर 2011 में एक फिल्म भी रिलीज़ हुई थी। फिल्म में जो कुछ दिखाया गया था तकरीबन तकरीबन वही कुछ अब सामने भी आ रहा है। फिल्म में भी वायरस का नाम कोरोना ही था। इन सारी हकीकतों के बावजूद विदेशियों और ें आर आईज़ को इस तरह देखा उचित नहीं लगता। उनके मन का डर दूर किया जाये तो वे खुद-ब-खुद जांच और सहयोग के लिए आगे आ जायेंगे। अब मीडिया में खबरें आ रही हैं कि पंजाब और हरियाणा में भी बहुत से ऐसे विदेशी हैं जो छुपे हुए हैं। कुछ समाजिक और अर्द्धसियासी नेता लोग उनको लेकर रोज़ रोज़ ब्यान भी दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि इन्हीं लोगों ने सारी समस्या बढ़ा दी है। पंजाब और हरियाणा को लेकर भी यही कहा जा रहा है। 
सुना जा रहा है कि विदेशों से लौटे यात्रियों ने हरियाणा सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लेकिन वास्तविक चिंता उनकी है जो ट्रेस नहीं हो पा रहे। सबसे अधिक परेशानी उन लोगों की वजह से है, जो विदेश से हरियाणा लौटने के बाद ‘गायब’ हो गए हैं। कहा जा रहा है कि अभी तक 11 हजार से अधिक यात्री हरियाणा प्रदेश में लौटे हैं और  इनमें से 200 गायब हैं। 
अब हरियाणा सरकार ने संबंधित जिलों की पुलिस को इन लोगों को ढूंढ़ने के आदेश भी दे दिए हैं। जल्द ही उन्हें ढूंढ भी लिया जायेगा। प्रदेश में अभी तक कोरोना के 20 केस पॉजिटिव हैं। इन पॉजिटिव केस में अधिकांश वे हैं, जो खुद विदेश से लौटे हैं या फिर वे हैं, जो इनके सीधे संपर्क में आए हैं। इसी बीच यह संतोष की बात है कि तीसरी स्टेज का एक भी केस अभी तक सामने नहीं आया है। ऐसे में मुश्किल अभी तक हमारे नियंत्रण में ही है। ऐसी नाज़ुक हालत में लगभग 11 हजार लोग ऐसे हैं, जो राज्य सरकार की निगरानी में हैं। इन व्यक्तियों की हर रोज हाजिरी लगाई जा रही है, ताकि कोई क्वारंटीन अवधि के दौरान फरार न हो सके। निश्चय ही ऐसा करना आवश्यक भी है। गौरतलब है कि हॉलिवुड की जिस मूवी का ऊपर ज़िक्र किया गए है उसमें भी बहुत कुछ ऐसा ही होता है। 
इस सारे मामले में गृह मंत्री अनिल विज नियमित रूप से हर रोज़ दैनिक रिपोर्ट ले रहे हैं। 
गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि क्वारंटीन किए लोगों को जिला वार बांटा गया है। सभी जिलों के एसपी और पुलिस आयुक्तों की जवाबदेही भी तय की गई है। विज ने कहा कि क्वारंटीन में रखे गए लोगों की डेली रिपोर्ट ले कर उस का एनेल्सिस भी किया जाता है। 
गायब हुए लोगों की बात करते हुए श्री विज ने स्वीकार किया कि संभव है कि गायब हो चुके 200 लोगों ने अपने नाम-पते भी गलत लिखवाए हों। उन्होंने कहा कि पंजाब में भी 90 हजार से अधिक एनआरआई आए हैं। इनमें से भी काफी लापता हैं। उनके हरियाणा में घुसने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
इसी बीच ढाई लाख मास्क बनाने का आर्डर भी दिया गया है। श्री विज ने कहा कि एचएलएल को ढाई लाख एन-95 मॉस्क का आर्डर दिया है। इनमें से 10 हजार मॉस्क की सप्लाई हो चुकी है। बाकी भी जल्द ही आने की उम्मीद है। कुल मिला कर स्थिति नियंत्रण में है। सब ठीक हो यही कामना भी है और यही  आकांक्षा भी। 

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