Saturday, March 23, 2024

एडीसी मोहाली द्वारा कॉन्टिनेंटल एजुकेशन गाइडलाइंस फर्म का लाइसेंस रद्द

Saturday 23rd March 2024 at 7:14 PM

लाइसेंस की अवधि 14 नवंबर 2022 को समाप्त हो गई थी 

साहिबजादा अजीत सिंह नगर: 23 मार्च 2024: (कार्तिका कल्याणी सिंह//मोहाली स्क्रीन डेस्क)::
आजकल तकरीबन सभी कामकाज
आवश्यक सरकारी आज्ञा और अधिकृत लाइसेंस प्राप्त करने के बाद ही चलते हैं। इस तरह के लाइसेंस और स्वीकृति की एक निश्चितअवधि भी हुआ करती है। इसे समय रहते रिन्यू न करवाने पर प्रशासन नाराज़ तो होता ही है। इसी के चलते मोहाली में एक और फर्म का लाइसेंस रद्द कर दिया गया। 
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट विराज श्यामकरन तिडके द्वारा पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट-2012 की धारा 6 (1) (ई) के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए कॉन्टिनेंटल एजुकेशन गाइडलाइंस फर्म का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। 

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट विराज श्यामकरन तिडके ने बताया कि श्री गुरप्रीत सिंह (मालिक) पुत्र श्री रवेल, कॉन्टिनेंटल एजुकेशन गाइडलाइंस फर्म के मालिक, एससीएफ 10 टॉप फ्लोर, फेज-2, मोहाली, जिला-साहिबजादा अजीत सिंह नगर। सिंह वासी गांव और डाकघर-जौरा सिंघान, तहसील-बटाला, जिला गुरदासपुर-1435051 हाल वासी मकान नंबर: 477, फेज-3बी2 मोहाली, जिला साहिबजादा अजीत सिंह नगर को कंसल्टेंसी कार्य के लिए लाइसेंस जारी किया गया था, जिसकी अवधि 14 नवंबर 2022 को समाप्त हो चुकी है। नियम संख्या: 04 दिनांक 16-09-2014 और नियम 4(6) के संबंध में सरकारी अधिसूचना दिनांक 16-09-2014 में सलाहकार ज्ञापन दिनांक 14-05-2018 के आइटम संख्या: 13 में ग्राहकों को भेजी जाने वाली मासिक रिपोर्ट उक्त अधिनियम एवं उसके संशोधनों के अंतर्गत किये गये। भेजने हेतु लिखा गया है। 

इसके अलावा उक्त अधिनियम की धारा 7 के तहत फर्म/कंपनी द्वारा व्यवसाय के संबंध में दिए गए विज्ञापन आदि की पूरी जानकारी भी देनी होती है। जिसके संबंध में फर्म को इस कार्यालय के पत्र दिनांक 26-06-2020 एवं पत्र दिनांक 03-12-2020, क्रमांक 128-129 दिनांक 19-01-2021 एवं पत्र दिनांक 21-05-2021 द्वारा निर्देशित किया गया था। 

अधिनियम नियम मासिक प्रगति रिपोर्ट की जानकारी निर्धारित प्रोफार्मा में भेजने हेतु नोटिस जारी किया गया। लेकिन अभी तक लाइसेंसधारी की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। तहसीलदार, मोहाली ने अपनी रिपोर्ट भेजी और लिखा कि वह दिए गए पते एससीएफ नंबर: 10, टॉप फ्लोर, फेज-2, मोहाली पर गए और पड़ोसियों से जांच करने के बाद पता चला कि कॉन्टिनेंटल एजुकेशन गाइडलाइंस नाम का कार्यालय पहले ही बंद हो चुका है और जैसा कि आवासीय पते की रिपोर्ट के अनुसार इस नाम का कोई भी व्यक्ति (श्री गुरप्रीत सिंह पुत्र श्री रवेल सिंह) इस पते पर नहीं रहता है। 

पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट-2012 के तहत बनाए गए नियमों की धारा 5(2) के अनुसार, लाइसेंस की समाप्ति तिथि से 2 महीने पहले आवेदन करना होगा। लेकिन लाइसेंस का नवीनीकरण न होने की स्थिति में इस कार्यालय द्वारा पत्र दिनांक 25-11-2022 एवं पत्र दिनांक 25-05-2023 के माध्यम से लाइसेंस को नोटिस जारी किया गया था। 

इस संबंध में मोहाली निवास का पत्र पंजीकृत डाक से इस टिप्पणी के साथ लौटा दिया गया है कि ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है। लेकिन काफी देर बाद भी लाइसेंसधारक की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। फर्म के संबंध में उपरोक्त वर्णित स्थिति के आधार पर अनुज्ञप्तिधारी ने अधिनियम/नियम एवं एडवाइजरी के अनुसार ग्राहकों एवं विज्ञापन/सेमिनार आदि के संबंध में सूचना नहीं भेजी तथा न ही शासन को भेजी गई अर्द्धवार्षिक सूचना से अवगत कराया। लाइसेंस का नवीनीकरण न करने के लिए। 

फर्म और लाइसेंसधारी को लाइसेंस की शर्तों का पालन न करके पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट-2012 की धारा 6(1)(ई) के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए पाया गया है। इसलिए उक्त तथ्यों के मद्देनजर पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट-2012 की धारा 6(1)(ई) के प्रावधानों के तहत श्री विराज श्यामकरन तिडके, आईएएस, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, साहिबजादा अजीत सिंह नगर; महाद्वीपीय शिक्षा दिशानिर्देश, पंजीकृत कार्यालय: एससीएफ नंबर 10, टॉप फ्लोर, फेज़-2, मोहाली, जिला साहिबजादा अजीत सिंह नगर को जारी लाइसेंस नंबर 118/एमसी-2 दिनांक 15-11-2017 को तत्काल प्रभाव से रद्द/निरस्त किया जाता है। 

इसके अतिरिक्त अधिनियम/नियम के अनुसार यदि भविष्य में उक्त कंपनी/फर्म/साझेदार अथवा उसके लाइसेंसधारी/निदेशक/साझेदार के विरूद्ध कोई शिकायत आदि प्राप्त होती है तो उक्त कंपनी/निदेशक/साझेदार जिम्मेदार होंगे। सभी प्रकार से और प्रतिपूर्ति के लिए भी वही जिम्मेदार होगा। अब देखना है कि इस तरह के और कितने मामले अभी बाकी हैं जिन पर प्रशासन की निगाह अभी जानी है। 

Saturday, March 9, 2024

लोक अदालत ने नौ रूठे जोड़ों को दिखाई प्यार की राह

Saturday 9th March 2024 at 6:22 PM शनिवार 9 मार्च 2024, शाम 6:22 बजे

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 21 बेंचों का गठन किया गया था


साहिबजादा अजीत सिंह नगर
: 9 मार्च 2024: (कार्तिका कल्याणी सिंह-मीडिया लिंक//मोहाली स्क्रीन)::

राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के कार्यक्रम के अनुसार और श्री न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया, न्यायाधीश, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष, पंजाब राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण और श्री न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल, न्यायाधीश, पंजाब और हरियाणा के मार्गदर्शन में। उच्च न्यायालय और प्रशासनिक न्यायाधीश, सत्र प्रभाग, एसएएस नगर, हरपाल सिंह, जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, एसएएस नगर के नेतृत्व में एसएएस नागत में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।

इस लोक अदालत में कुल 17043 पूर्व-मुकदमेबाजी और लंबित आपराधिक शमनीय अपराध, धारा-138 के तहत एनआई अधिनियम मामले, बैंक वसूली मामले, एमएसीटी मामले, वैवाहिक विवाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली और पानी बिल (गैर को छोड़कर) शामिल थे। -शमनयोग्य चोरी के मामले), वेतन और भत्ते और सेवानिवृत्ति लाभ, राजस्व मामले और अन्य सिविल मामले (किराया, आसान अधिकार, निषेधाज्ञा सूट, विशिष्ट प्रदर्शन सूट) से संबंधित सेवा मामले उठाए गए।

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला मुख्यालय पर 13 खण्डपीठों का गठन किया गया था जिसकी अध्यक्षता श्रीमान कर रहे थे। कृष्ण कुमार सिंगला, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश; श्री बरजिंदर पाल सिंह, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय; श्री अनीश गोयल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट; श। मुकेश कुमार सिंगला, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी; श्री देवनूर सिंह, सिविल जज (जूनियर डिवीजन); सुश्री विश्वज्योति, सिविल जज (जूनियर डिविजन); सुश्री वैष्णवी सिक्का, सिविल जज (जूनियर डिवीजन); सुश्री नेहा जिंदल, सिविल जज (जूनियर डिवीजन); श्री के.एस. सुल्लर, पीठासीन अधिकारी, औद्योगिक न्यायाधिकरण; सुश्री गुरमीत कौर, अध्यक्ष, स्थायी लोक अदालत (पीयूएस); श्री एस.के. अग्रवाल, अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता आयोग; श्री अर्जुन ग्रेवाल, तहसीलदार, एसएएस नगर और श्री। दर्शन सिंह, नायब तहसीलदार, बनूड़।

इसके अलावा, श्री के सब-डिवीजन, खरड़ में 4 बेंच। करुण गर्ग, सिविल जज (जूनियर डिवीजन); सुश्री मंज़रा दत्ता, सिविल जज (जूनियर डिवीजन); श। मनीष कुमार, तहसीलदार और श्रीमती जसबीर कौर, नायब तहसीलदार, माजरी और सुश्री पवलीन सिंह, अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की सब-डिवीजन, डेराबस्सी में 4 बेंच; सुश्री मनजोत कौर, सिविल जज (जूनियर डिवीजन); श। -कुलदीप सिंह, तहसीलदार, जीरकपुर और श्री। हरिंदरजीत सिंह, नायब तहसीलदार नेशनल लोक अदालत के लिए टीम गठित की गई थी।

इस राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु श्री. जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरपाल सिंह ने न्यायिक अधिकारियों, बार एसोसिएशन एसएएस नगर, डेराबस्सी और खरड़ के अध्यक्षों और सचिवों, अन्य विभागों यानी बैंकों, बिजली विभाग, श्रम विभाग, बीमा कंपनियों आदि के अधिकारियों की विभिन्न बैठकें बुलाई थीं ताकि उन्हें जागरूक किया जा सके। राष्ट्रीय लोक अदालत. उन्हें राष्ट्रीय लोक अदालत में उठाए जा सकने वाले अधिकतम मामलों की पहचान करने और प्री-लोक अदालतों और राष्ट्रीय लोक अदालतों में उनके निपटान के लिए अधिकतम प्रयास करने के लिए भी प्रेरित और निर्देश दिए गए।

सुश्री सुरभि पराशर, सचिव, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, एसएएस नगर ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में 17043 मामले उठाए गए, जिनमें से 14021 मामलों का निपटारा समझौते के आधार पर किया गया और 41,72 रुपये की राशि का पुरस्कार दिया गया। ,45,289/- विभिन्न लोक अदालत पीठों द्वारा पारित किये गये।

उन्होंने यह भी बताया कि नौ जोड़े जो असहमति  नाराज़गी के चलते अलग-अलग रह रहे थे और एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमा कर रहे थे, वे इसी अदालत की कोशिशों से फिर पर लौट आए। पीठासीन अधिकारियों और उनके सदस्यों के प्रयासों से राष्ट्रीय लोक अदालत में फिर से मिल गए।

उनके समझौते के लिए प्री-लोक अदालतों में परामर्श सत्र आयोजित किए गए और इस तरह की काउंसलिंग के बाद, वे अंततः अपने सभी विवादों और मतभेदों को सुलझाकर एक साथ रहने के लिए सहमत हुए। उन्हें एक-एक पौधा देकर सम्मानित किया गया और पौधे को उगाने और अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए प्रेरित किया गया।

Thursday, March 7, 2024

9 मार्च को लगेगी मोहाली में 2024 की राष्ट्रीय लोक अदालत

Thursday 7th March 2024 at 6:23 PM 

समाज के कमजोर वर्गों को इसका फायदा भी समझ में आने लगा है 


एसएएस नगर
: 7 मार्च, 2024: (कार्तिका कल्याणी सिंह-मीडिया लिंक//मोहाली स्क्रीन डेस्क)::

बात तब की है जब शिक्षा भी कम थी और तकनीकी सुविधाएं भी कम थी तो झगड़ों झमेलों को पंचायती आधार पर सुलझा लिया जाता था। उसी न्याय प्रणाली से एक संकल्पना ने जन्म लिया तांकि लोगों को न्याय  प्राप्ति की एक ऐसी प्रक्रिया दी जाए जो सर्वसुलभ भी हो और आसान भी हो। उसी संकल्पना के साकार रूप को आज बहुत ही प्रेम और सम्मान से लोक अदालत कहा जाता है। 

लोक अदालत  मौजूदा नवीनतम रूप का यह इतिहास कोई ज़्यादा पुराना भी नहीं। न्याय को तीव्र, सस्ता सुलभ बनाने की इन्हीं कोशिशों के अंतर्गत पहली लोक अदालत 14 मार्च 1982 को गुजरात के जूनागढ़ में आयोजित की गई थी। इसके जल्दी ही बाद महाराष्ट्र ने 1984 में लोक न्यायालय की शुरुआत की। इस प्रक्रिया में कुछ और तेज़ी आई और कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 ने लोक अदालतों को वैधानिक दर्जा भी प्रदान कर दिया। 

इसी के चलते भारत के संविधान के अनुच्छेद 39-ए में संवैधानिक आदेश के अनुसार। यह निःशुल्क और सक्षम कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए कानूनी सेवा प्राधिकरण का गठन भी किया गया। इसकी लोकप्रियता भी तेज़ी से बढ़ने लगी। समाज के कमजोर वर्गों को इसका फायदा भी समझ में आने लगा। 

लोक अदालतों में बहुत से विवादों के मामले पहुंचने लगे। इनमें ज़्यादातर मामले मोटर दुर्घटना दावा मामले, वैवाहिक/पारिवारिक विवाद, श्रम विवाद, टेलीफोन, बिजली जैसी सार्वजनिक सेवाओं से संबंधित विवाद,  बैंक वसूली मामले, भूमि अधिग्रहण विवाद हुआ करते। 

सत्र प्रभाग, एसएएस नगर में, राष्ट्रीय लोक अदालत श्री के नेतृत्व में 09.03.2024 को आयोजित की जाएगी। हरपाल सिंह, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिसमें 4092 प्री-लिटिगेटिव और 5521 लंबित मामलों सहित 9613 मामलों की सुनवाई 20 बेंचों द्वारा की जाएगी। जिला मुख्यालय, एसएएस नगर में 12 लोक अदालत बेंच मामलों को निपटाने के लिए काम करेंगी, जबकि खरड़ में 4 बेंच और डेरा बस्सी में 04 बेंच मामलों के निपटारे के लिए काम करेंगी।

आपराधिक समझौता योग्य अपराध, धारा-138 के तहत एनआई अधिनियम के मामले, बैंक वसूली मामले, एमएसीटी मामले, वैवाहिक विवाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली और पानी के बिल (गैर-समझौता योग्य चोरी के मामलों को छोड़कर), वेतन और भत्ते से संबंधित सेवा मामले और पार्टियों के बीच निपटान के लिए सेवानिवृत्ति लाभ, राजस्व मामले और अन्य नागरिक मामले (किराया, आसान अधिकार, निषेधाज्ञा सूट, विशिष्ट प्रदर्शन सूट) आदि पर विचार किया जाएगा।

सुश्री सुरभि पराशर, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-सह-सचिव, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, एसएएस नगर ने जनता से दोनों पक्षों की जीत की स्थिति के लिए लोक अदालत के माध्यम से अपने मामलों को निपटाने का आग्रह किया। 

उन्होंने आगे खुलासा किया कि लोक अदालत में निपटाए गए मामले का निर्णय अंतिम होगा और इसके खिलाफ कोई अपील या पुनरीक्षण नहीं होगा। लोक अदालत में अपने मामले का निपटारा करने पर पक्षकारों को उनके द्वारा लगाई गई अदालती फीस वापस कर दी जाती है।

Saturday, February 24, 2024

सतगुरु रविदास जी के जन्मदिन के अवसर पर सरकारी छुट्टी की मांग

Saturday 24th February 2024 at 15:31

बिरसा फुले अंबेडकर एम्प्लॉइज एसोसिएशन, चंडीगढ़ ने मांग उठाई

चंडीगढ़: 24 फरवरी 2024: (पवन चौहान//मोहाली स्क्रीन डेस्क)::

गुरु रविदास जी के जन्मदिन पर आधिकारिक अवकाश की कमी के कारण कई संगठनों और लोगों के बीच विरोध की लहर है। इन संगठनों और संगत ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और सतगुरु कबीर जी की जन्मतिथि पर भी सार्वजनिक अवकाश की मांग की है। 

24 फरवरी, 2024 को, बिरसा फुले अंबेडकर एम्प्लॉइज एसोसिएशन चंडीगढ़ की पूरी टीम ने चंडीगढ़ और देशवासियों को सतगुरु रविदास महाराज जी की जन्मतिथि के अवसर पर बधाई दी और छुट्टी न लेने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन की निंदा की। 

एसोसिएशन ने इस आशय के निवेदन चंडीगढ़ प्रशासन के उच्च अधिकारियों को मेल के ज़रिए भी भेजे थे, लेकिन अभी तक इसके बारे में कुछ भी नहीं किया गया है। चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा जारी कैलेंडर वर्ष 2024 में, न तो 24 फरवरी 2024 को सतगुरु रविदास महाराज के जन्मदिन पर, 14 अप्रैल 2024 को विश्व रतन बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मतिथि पर और 22 जून 2024 को सतगुरु कबीrर की जन्मतिथि पर छुट्टी की गई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरिंदर सिंह की मांग है कि विश्व रत्न बाबासाहेब डॉ, भीमराव अंबेडकर जी और सतगुरु इन संगठनों ने मांग की कि कबीर महाराज जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर आधिकारिक अवकाश की घोषणा की जाए और अन्य मुद्दों को भी जल्द से जल्द हल किया जाए। 

यह बयान बिरसा फुले अंबेडकर एम्प्लॉइज एसोसिएशन, चंडीगढ़ के अध्यक्ष-रंजीत सिंह, राष्ट्रपति-सुरिंदर सिंह और महासचिव पवन कुमार चौहान द्वारा जारी किया गया था। 

Tuesday, September 14, 2021

मोहाली एयर कार्गो कंपलैक्स नवंबर तक हो जायेगा चालू:मुख्य सचिव

 14th September 2021 at  07:34 PM

राज्य में 795 करोड़ रुपए के 10 बुनियादी ढांचा प्रोजैक्ट हुए मुकम्मल

बस्सी पठाना का मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट इस महीने के अंत तक खुल जायेगा


चंडीगढ़: 14 सितम्बर 2021: (मोहाली स्क्रीन ब्यूरो)::

मोहाली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में लम्बे समय से प्रतीक्षा की जा रहे कार्गो कंपलैक्स को इस नवंबर से चालू कर दिया जायेगा जबकि फ़तेहगढ़ साहिब जिले में बस्सी पठाना में एक मेगा मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट को इस महीने के अंत तक खोल दिया जायेगा।

यह जानकारी मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन ने आज यहाँ अहम बुनियादी ढांचा विकास प्रोजेक्टों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के लिए सार्वजनिक निवेश प्रबंधन (पीआईएम) कमेटी की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये दी जिससे इनके जल्द मुकम्मल होने को यकीनी बनाया जा सके।

मुख्य सचिव को मीटिंग में बताया कि 795.42 करोड़ रुपए के 10 बड़े बुनियादी ढांचा प्रोजैक्ट मुकम्मल हो चुके हैं। इनमें बस्सी पठाना का मेगा मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट, फाजिल्का में 100 बैडों वाला अस्पताल, पटियाला के राजिन्दरा अस्पताल में बहु मंजिला कार पार्किंग, गोइन्दवाल साहिब में केंद्रीय सुधार घर, भवानीगढ़ के रौशनवाला और मुक्तसर के दानेवाला गाँव में सरकारी डिग्री कालेज, चण्डीगढ़-लुधियाना राष्ट्रीय मार्ग (एनएच-05) से लुधियाना के धनानसू गाँव में हाई-टेक साइकिल वैली तक कंक्रीट रोड़, लुधियाना का दक्षिणी बाइपास, राहों -माछीवाड़ा-समराला-खन्ना सड़क और मालेरकोटला में मालेरकोटला-खन्ना जंक्शन में लुधियाना -संगरूर रोड पर फ्लाईओवर (जरग चौक) शामिल हैं।

नागरिक उड्डयन के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह ने मुख्य सचिव को बताया कि मोहाली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में इंटीग्रेटिड कॉमन यूज कार्गो टर्मिनल के सिविल काम मुकम्मल हो चुके हैं और इसको कार्यशील करने के लिए ज़रुरी उपकरण ख़रीदे जा रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिया कि कार्गो कंपलैक्स 30 नवंबर तक चालू कर दिया जायेगा। अमृतसर हवाई अड्डे में कार्गो कंपलैक्स की प्रगति के बारे भी विचार-विमर्श किया गया और यह फ़ैसला किया गया कि पंजाब ब्यूरो ऑफ इनवेस्टमैंट प्रमोशन दोनों कार्गो कंपलैक्सों के लिए औद्योगिक सैशन करेगी।

हलवारा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की स्थिति संबंधी उन्होंने बताया कि चार दीवारी का निर्माण कार्य मुकम्मल हो चुका है जबकि अंतरिम टर्मिनल की इमारत और एप्रन का निर्माण का कार्य जल्दी ही शुरू हो जायेगा।

सहकारिता के प्रमुख सचिव के. सिवा प्रसाद ने बताया कि बस्सी पठाना में वेरका मैगा मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट का कार्य 138.22 करोड़ की कुल लागत से मुकम्मल हो गया है।

श्रीमती महाजन ने विभाग को 30 सितम्बर तक प्लांट खोलने के लिए कहा जिससे किसानों की डेयरी से होने वाली आय में विस्तार किया जा सके।

कजौली वाटर वर्कस प्रोजैक्ट की प्रगति संबंधी जानकारी साझा करते हुये आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव सरवजीत सिंह ने मुख्य सचिव को बताया कि गाँव सिंघपुर में 20 एमजीडी सामर्थ्य वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण प्रगति अधीन है और यह 30 नवंबर तक मुकम्मल हो जायेगा। इसके साथ ही खरड़ और कुराली के साथ लगते कस्बों के लिए 6एमजीडी पानी उपलब्ध करवाया जायेगा।

उन्होंने आगे बताया कि मोहाली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नज़दीक एयरोट्रोपोलिस हाउसिंग प्रोजैक्ट के लिए लैंड्ड पुल्लिंग स्कीम के अंतर्गत 650 हेक्टेयर ज़मीन के लिए ज़मीन मालिकों को पहले ही लैटरस ऑफ इनटैंट जारी किये जा चुके हैं। पीने योग्य पानी की सप्लाई, सिविरेज और केंद्रीय सड़कों से सम्बन्धित विकास कार्य जल्द ही शुरू किये जाएंगे।

इसके इलावा मीटिंग के दौरान होशियारपुर, कपूरथला, संगरूर और मोहाली में मैडीकल कालेजों की प्रगति, अमृतसर में स्टेट कैंसर सैंटर, शाहपुर कंडी डैम प्रोजैक्ट, राजस्थान और सरहिन्द फीडर नहरों की रीलाईनिंग और पटियाला में महाराजा भुपिन्दरा सिंह स्पोर्टस यूनिवर्सिटी के निर्माण की भी समीक्षा की गई।

मुख्य सचिव द्वारा उच्च शिक्षा, उद्योग और जल सप्लाई और सैनीटेशन विभागों द्वारा चलाए जा रहे अन्य प्रमुख प्रोजैक्टों की स्थिति का भी जायज़ा लिया गया।

श्रीमती महाजन ने सम्बन्धी प्रशासकीय सचिवों को अंतर-विभागीय मुद्दों को निर्धारित समय के अंदर प्राथमिक तौर पर हल करने के लिए और इन मुद्दों पर निजी तौर पर ध्यान देने के निर्देश दिए।

वित्त विभाग को राज्य के बुनियादी ढांचा के विकास सम्बन्धी प्रमुख प्रोजैक्टों को जल्द मुकम्मल करने के लिए ज़रूरत अनुसार समय पर फंड जारी करने को यकीनी बनाने के लिए भी कहा गया।

इस मीटिंग के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार (पर्यटन और सांस्कृतिक मामले), अनुराग अग्रवाल (बिजली, नवीन और नवीनकरणीय ऊर्जा स्रोत), प्रमुख सचिव के.ए.पी. सिन्हा (वित्त), विकास प्रताप (पी.डब्ल्यू.डी.), आलोक शेखर (स्वास्थ्य और मैडीकल शिक्षा), डी.के. तिवारी (जेलें), जसप्रीत तलवाड़ (जल सप्लाई और सैनीटेशन), हुसन लाल (उद्योग एवं वाणिज्य), राज कमल चौधरी (खेल और युवा सेवाएं), और अजोए कुमार सिन्हा (स्थानीय निकाय) भी शामिल थे।

Sunday, March 29, 2020

कोरोना: एन आर आईज को खलनायक समझना ठीक नहीं

विदेशों से लौटे अपने ही लोग हैं वे-उनका सहयोग आवश्यक है 
कर्फ्यू के दौरान सिवल लाईन्ज़ लुधियाना की एक सड़क पर 25 मार्च की एक तस्वीर जिसे क्लिक किया पंजाब स्क्रीन टीम ने 
चंडीगढ़//खरड़//लुधियाना: 28 मार्च 2020: (पुष्पिंदर कौर//मोहाली स्क्रीन):: 
जब कोई व्यक्ति अपना घर, परिवार और देश छोड़ कर विदेश जाता है तो उसे कमाई की पूरी ख़ुशी कभी नहीं हो पति क्यूंकि हर पल एक दर्द उसे सालता रहता है कि कैसे होंगे मेरे परिवार के लोग। जानेमाने पंजाबी शायर सुरजीत पात्र ने तो बहुत ही मार्मिक शब्दों में कहा है:
जो बदेसां 'च रुल्दे ने रोटी लई, 
ओह जदों देस परतणगे आपणे कड़ी!
जां तां सेकणगे मां दे सिवे दी अगन,
ते जां कबरां दे रुख हेठ जा बैहणगे!
सो ज़ाहिर है कि वह कमाई जिससे उनके परिवारों पर चढ़े कर्ज़े उतरते हैं। चार दिन अच्छी ज़िंदगी जीना आता है। कुछ सपने साकार होते हैं--वही कमाई उनसे बहुत कुछ छीन भी लेती है। आखिरी समय वे लोग अपनी मां, पिता या अन्य परिजनों के पास नहीं होते। बस सारी उम्र यही सोचते हैं--जाते जाते उसने आवाज़ तो दी होगी....! लेकिन कभी नहीं जान पाते कि अपने जिस परिजन से नहीं मिल पाते उसने जाते जाते कहा क्या होगा। इस सब के बावजूद इन ऐन आर आई लोगों ने अपने परिवार के साथ अपने गांव, अपने इलाके, अपने स्कूल-कालेज और अपने देश के लिए ही बहुत योगदान दिया है। वे लम्बे समय से समाज के नायक चले आ रहे हैं। 
अब सारी दुनिया में कोरोना का कहर टूटा तो इन एन आर आई नायकों को लोग खलनायक के तौर पर देखने लगे। कोरोना क्या है इसे अब तक बहुत अच्छी तरह से समझाया जा चुका है। इस पर 2011 में एक फिल्म भी रिलीज़ हुई थी। फिल्म में जो कुछ दिखाया गया था तकरीबन तकरीबन वही कुछ अब सामने भी आ रहा है। फिल्म में भी वायरस का नाम कोरोना ही था। इन सारी हकीकतों के बावजूद विदेशियों और ें आर आईज़ को इस तरह देखा उचित नहीं लगता। उनके मन का डर दूर किया जाये तो वे खुद-ब-खुद जांच और सहयोग के लिए आगे आ जायेंगे। अब मीडिया में खबरें आ रही हैं कि पंजाब और हरियाणा में भी बहुत से ऐसे विदेशी हैं जो छुपे हुए हैं। कुछ समाजिक और अर्द्धसियासी नेता लोग उनको लेकर रोज़ रोज़ ब्यान भी दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि इन्हीं लोगों ने सारी समस्या बढ़ा दी है। पंजाब और हरियाणा को लेकर भी यही कहा जा रहा है। 
सुना जा रहा है कि विदेशों से लौटे यात्रियों ने हरियाणा सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लेकिन वास्तविक चिंता उनकी है जो ट्रेस नहीं हो पा रहे। सबसे अधिक परेशानी उन लोगों की वजह से है, जो विदेश से हरियाणा लौटने के बाद ‘गायब’ हो गए हैं। कहा जा रहा है कि अभी तक 11 हजार से अधिक यात्री हरियाणा प्रदेश में लौटे हैं और  इनमें से 200 गायब हैं। 
अब हरियाणा सरकार ने संबंधित जिलों की पुलिस को इन लोगों को ढूंढ़ने के आदेश भी दे दिए हैं। जल्द ही उन्हें ढूंढ भी लिया जायेगा। प्रदेश में अभी तक कोरोना के 20 केस पॉजिटिव हैं। इन पॉजिटिव केस में अधिकांश वे हैं, जो खुद विदेश से लौटे हैं या फिर वे हैं, जो इनके सीधे संपर्क में आए हैं। इसी बीच यह संतोष की बात है कि तीसरी स्टेज का एक भी केस अभी तक सामने नहीं आया है। ऐसे में मुश्किल अभी तक हमारे नियंत्रण में ही है। ऐसी नाज़ुक हालत में लगभग 11 हजार लोग ऐसे हैं, जो राज्य सरकार की निगरानी में हैं। इन व्यक्तियों की हर रोज हाजिरी लगाई जा रही है, ताकि कोई क्वारंटीन अवधि के दौरान फरार न हो सके। निश्चय ही ऐसा करना आवश्यक भी है। गौरतलब है कि हॉलिवुड की जिस मूवी का ऊपर ज़िक्र किया गए है उसमें भी बहुत कुछ ऐसा ही होता है। 
इस सारे मामले में गृह मंत्री अनिल विज नियमित रूप से हर रोज़ दैनिक रिपोर्ट ले रहे हैं। 
गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि क्वारंटीन किए लोगों को जिला वार बांटा गया है। सभी जिलों के एसपी और पुलिस आयुक्तों की जवाबदेही भी तय की गई है। विज ने कहा कि क्वारंटीन में रखे गए लोगों की डेली रिपोर्ट ले कर उस का एनेल्सिस भी किया जाता है। 
गायब हुए लोगों की बात करते हुए श्री विज ने स्वीकार किया कि संभव है कि गायब हो चुके 200 लोगों ने अपने नाम-पते भी गलत लिखवाए हों। उन्होंने कहा कि पंजाब में भी 90 हजार से अधिक एनआरआई आए हैं। इनमें से भी काफी लापता हैं। उनके हरियाणा में घुसने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
इसी बीच ढाई लाख मास्क बनाने का आर्डर भी दिया गया है। श्री विज ने कहा कि एचएलएल को ढाई लाख एन-95 मॉस्क का आर्डर दिया है। इनमें से 10 हजार मॉस्क की सप्लाई हो चुकी है। बाकी भी जल्द ही आने की उम्मीद है। कुल मिला कर स्थिति नियंत्रण में है। सब ठीक हो यही कामना भी है और यही  आकांक्षा भी। 

सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की पालना ही बचा सकती है कोरोना से

भूल कर भी इस नियम की अवहेलना मत कीजिये
लुधियाना के सिवल लाईन्ज़ में ढील के दौरान खरीद करते लोग जिन्हें कोरोना की कोई चिंता नहीं 
चंडीगढ़/पंचकूला/मोहाली/खरड़: 28 मार्च 2020: (पुष्पिंदर कौर//मोहाली स्क्रीन):: 
हालात लगातार नाज़ुक  हैं। हालात के बिगड़ने के लिए जाने अनजाने वे सभी लोग ज़िम्मेदार हैं जो इस नाज़ुक  मौके पर भी बार बार सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की अवहेलना करके लॉकडाऊन का मकसद ही खत्म कर रहे हैं। लगता है इन लोगों ने शायद सरकार और विज्ञान दोनों को ही नाकाम करने की ठान रखी है। कर्फ्यू में ढील मिलते ही झट से एक दुसरे के साथ सट कर खड़े हो जाते हैं। 
चंडीगढ़, खरड़, मोहाली और पंचकूला के क्षेत्रों में यही कुछ देखने को मिल रहा है। पिछले 5 दिनों से जारी लॉकडाउन में शनिवार को भी प्रशासन के ढील देते ही सड़कों पर लोगों की हलचल शुरू हो गई। कि इनमें पढ़े लिखे नज़र आने वाले लोग भी शामिल थे। सरकार की सभी कोशिशों के बावजूद ये लोग घर बैठने को राज़ी नहीं लगते। सड़कों पर यूं निकलते हैं जैसे कोरोना  पहले इन्हीं लोगों ने अपनी फोटो खिंचवानी हो और कह रहे हों- आ कोरोना आ--मार कोरोना मार। 
पिछले तीन दिनों से प्रशासन के दिए हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल कर राशन, ग्रॉसरी, दूध, फल और सब्जियां मंगवा रहे थे अब घर में बैठे बोर हो गए। इन लोगों के सब्र का बांध टूट गया और दुकानों पर जाकर सामान खरीदने बहाने फिर से भीड़ कर दी। सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की धज्जियां उड़ा दी इन लोगों ने। शाम तक इसी तरह लोगों का बाजारों में आना जाना जारी रहा। खरीदो फरोख्त चलती रही। अगर कुछ भूला था तो वह था कोरोना का भय। 
दूसरी तरफ कर्फयू में पुलिस मुख्य मार्गों पर तो बहुत ही मुस्तैदी से तैनात रही और किसी भी बाहरी वाहन को शहर में दाखिल नहीं होने दिया गया लेकिन सेक्टरों में लोग दुकानों पर उमड़ते रहे। यूटी प्रशासन की तरफ से लोगों को हेल्पलाइन नंबरों के जरिए दुकानों में संपर्क करने और खरीदारी करने के लिए लिए बकायदा सूची भी जारी की गई थी और साथ में प्रशासन बसों के जरिए खाद्य वस्तुएं भी सप्लाई कर रहा था इसके बावजूद लोगों की शिकायतें थी कि उन तक सामान नहीं पहुंच रहा है। इनमें से बहुत सी शिकायतें सच्ची भी हो सकती हैं  बावजूद कोरोना को कम करके आंकने का नज़रिया कहां तक सही है? 
इसी बीच शहरी क्षेत्र की एसआरटी की ओवर आल इंचार्ज सिटको की प्रबंध निदेशक जसविन्दर कौर ने कहा कि शहर की किसी भी मार्किट में भीड बिलकुल भी जमा नहीं हुई। लोगों ने बाकायदा सही ढंग से लाईनों में लग कर पूरे अनुशासन   ज़रूरी सामान खरीदा। 
उनके इस बयान के बावजूद कर्फ्यू तोड़ने की शिकायतें भी मिलीं। कर्फ्यू कर्फ्यू तोड़ने वाले 675 लोग पकड़े भी गए। चंडीगढ़ में कर्फ्यू के दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था बानी रहे इसके लिए पूरा ध्यान भी दिया गया।  मकसद के लिए यूटी पुलिस ने लोगों की मूवमेंट पर कड़ी सख्ती से कड़ी गरानी रखी। शहर के तीनों जोन में कर्फ्यू तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 675 लोगों को हिरासत में लिया गया जिनमें तीन लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज किए गए। एसएसपी निलांबरी जगदले ने कहा कि शनिवार को पुलिस ने 460 वाहनों को जांच के लिए पकड़ा जिनमें से 241 वाहनों को जब्त किया गया। पुलिस और प्रशासन  सख्ती ज़रूरी भी है और आगे भी जारी रहेगी लेकिन लोगों को खुद भी तो समझना होगा। कोरोना बेहद गंभीर वायरस है इसका अहसास होगा। इस गंभीरता  होते ही समज आएगी सोशल डिस्टेंसिंग की आवश्यकता और अहमियत।  उचित होगा जो सरकार कहती है। इन नियमों का पालन कर के ही बचाई  अपनी और अपने परिवार की जान। कर्फ्यू में भी कोई मुसीबत आ जाये और बाहर  मजबूरी ही बन जाये तो भी उन नंबरों पर सम्पर्क किया जाये जो प्रशासन ने जारी हैं। सोशल डिस्टेंसिंग  सकती से पालना आवश्यक है। इसके साथ खिलवाड़ मत कीजिये। -पुष्पिंदर कौर 

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