Saturday, March 23, 2024

एडीसी मोहाली द्वारा कॉन्टिनेंटल एजुकेशन गाइडलाइंस फर्म का लाइसेंस रद्द

Saturday 23rd March 2024 at 7:14 PM

लाइसेंस की अवधि 14 नवंबर 2022 को समाप्त हो गई थी 

साहिबजादा अजीत सिंह नगर: 23 मार्च 2024: (कार्तिका कल्याणी सिंह//मोहाली स्क्रीन डेस्क)::
आजकल तकरीबन सभी कामकाज
आवश्यक सरकारी आज्ञा और अधिकृत लाइसेंस प्राप्त करने के बाद ही चलते हैं। इस तरह के लाइसेंस और स्वीकृति की एक निश्चितअवधि भी हुआ करती है। इसे समय रहते रिन्यू न करवाने पर प्रशासन नाराज़ तो होता ही है। इसी के चलते मोहाली में एक और फर्म का लाइसेंस रद्द कर दिया गया। 
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट विराज श्यामकरन तिडके द्वारा पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट-2012 की धारा 6 (1) (ई) के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए कॉन्टिनेंटल एजुकेशन गाइडलाइंस फर्म का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। 

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट विराज श्यामकरन तिडके ने बताया कि श्री गुरप्रीत सिंह (मालिक) पुत्र श्री रवेल, कॉन्टिनेंटल एजुकेशन गाइडलाइंस फर्म के मालिक, एससीएफ 10 टॉप फ्लोर, फेज-2, मोहाली, जिला-साहिबजादा अजीत सिंह नगर। सिंह वासी गांव और डाकघर-जौरा सिंघान, तहसील-बटाला, जिला गुरदासपुर-1435051 हाल वासी मकान नंबर: 477, फेज-3बी2 मोहाली, जिला साहिबजादा अजीत सिंह नगर को कंसल्टेंसी कार्य के लिए लाइसेंस जारी किया गया था, जिसकी अवधि 14 नवंबर 2022 को समाप्त हो चुकी है। नियम संख्या: 04 दिनांक 16-09-2014 और नियम 4(6) के संबंध में सरकारी अधिसूचना दिनांक 16-09-2014 में सलाहकार ज्ञापन दिनांक 14-05-2018 के आइटम संख्या: 13 में ग्राहकों को भेजी जाने वाली मासिक रिपोर्ट उक्त अधिनियम एवं उसके संशोधनों के अंतर्गत किये गये। भेजने हेतु लिखा गया है। 

इसके अलावा उक्त अधिनियम की धारा 7 के तहत फर्म/कंपनी द्वारा व्यवसाय के संबंध में दिए गए विज्ञापन आदि की पूरी जानकारी भी देनी होती है। जिसके संबंध में फर्म को इस कार्यालय के पत्र दिनांक 26-06-2020 एवं पत्र दिनांक 03-12-2020, क्रमांक 128-129 दिनांक 19-01-2021 एवं पत्र दिनांक 21-05-2021 द्वारा निर्देशित किया गया था। 

अधिनियम नियम मासिक प्रगति रिपोर्ट की जानकारी निर्धारित प्रोफार्मा में भेजने हेतु नोटिस जारी किया गया। लेकिन अभी तक लाइसेंसधारी की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। तहसीलदार, मोहाली ने अपनी रिपोर्ट भेजी और लिखा कि वह दिए गए पते एससीएफ नंबर: 10, टॉप फ्लोर, फेज-2, मोहाली पर गए और पड़ोसियों से जांच करने के बाद पता चला कि कॉन्टिनेंटल एजुकेशन गाइडलाइंस नाम का कार्यालय पहले ही बंद हो चुका है और जैसा कि आवासीय पते की रिपोर्ट के अनुसार इस नाम का कोई भी व्यक्ति (श्री गुरप्रीत सिंह पुत्र श्री रवेल सिंह) इस पते पर नहीं रहता है। 

पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट-2012 के तहत बनाए गए नियमों की धारा 5(2) के अनुसार, लाइसेंस की समाप्ति तिथि से 2 महीने पहले आवेदन करना होगा। लेकिन लाइसेंस का नवीनीकरण न होने की स्थिति में इस कार्यालय द्वारा पत्र दिनांक 25-11-2022 एवं पत्र दिनांक 25-05-2023 के माध्यम से लाइसेंस को नोटिस जारी किया गया था। 

इस संबंध में मोहाली निवास का पत्र पंजीकृत डाक से इस टिप्पणी के साथ लौटा दिया गया है कि ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है। लेकिन काफी देर बाद भी लाइसेंसधारक की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। फर्म के संबंध में उपरोक्त वर्णित स्थिति के आधार पर अनुज्ञप्तिधारी ने अधिनियम/नियम एवं एडवाइजरी के अनुसार ग्राहकों एवं विज्ञापन/सेमिनार आदि के संबंध में सूचना नहीं भेजी तथा न ही शासन को भेजी गई अर्द्धवार्षिक सूचना से अवगत कराया। लाइसेंस का नवीनीकरण न करने के लिए। 

फर्म और लाइसेंसधारी को लाइसेंस की शर्तों का पालन न करके पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट-2012 की धारा 6(1)(ई) के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए पाया गया है। इसलिए उक्त तथ्यों के मद्देनजर पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट-2012 की धारा 6(1)(ई) के प्रावधानों के तहत श्री विराज श्यामकरन तिडके, आईएएस, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, साहिबजादा अजीत सिंह नगर; महाद्वीपीय शिक्षा दिशानिर्देश, पंजीकृत कार्यालय: एससीएफ नंबर 10, टॉप फ्लोर, फेज़-2, मोहाली, जिला साहिबजादा अजीत सिंह नगर को जारी लाइसेंस नंबर 118/एमसी-2 दिनांक 15-11-2017 को तत्काल प्रभाव से रद्द/निरस्त किया जाता है। 

इसके अतिरिक्त अधिनियम/नियम के अनुसार यदि भविष्य में उक्त कंपनी/फर्म/साझेदार अथवा उसके लाइसेंसधारी/निदेशक/साझेदार के विरूद्ध कोई शिकायत आदि प्राप्त होती है तो उक्त कंपनी/निदेशक/साझेदार जिम्मेदार होंगे। सभी प्रकार से और प्रतिपूर्ति के लिए भी वही जिम्मेदार होगा। अब देखना है कि इस तरह के और कितने मामले अभी बाकी हैं जिन पर प्रशासन की निगाह अभी जानी है। 

Saturday, March 9, 2024

लोक अदालत ने नौ रूठे जोड़ों को दिखाई प्यार की राह

Saturday 9th March 2024 at 6:22 PM शनिवार 9 मार्च 2024, शाम 6:22 बजे

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 21 बेंचों का गठन किया गया था


साहिबजादा अजीत सिंह नगर
: 9 मार्च 2024: (कार्तिका कल्याणी सिंह-मीडिया लिंक//मोहाली स्क्रीन)::

राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के कार्यक्रम के अनुसार और श्री न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया, न्यायाधीश, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष, पंजाब राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण और श्री न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल, न्यायाधीश, पंजाब और हरियाणा के मार्गदर्शन में। उच्च न्यायालय और प्रशासनिक न्यायाधीश, सत्र प्रभाग, एसएएस नगर, हरपाल सिंह, जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, एसएएस नगर के नेतृत्व में एसएएस नागत में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।

इस लोक अदालत में कुल 17043 पूर्व-मुकदमेबाजी और लंबित आपराधिक शमनीय अपराध, धारा-138 के तहत एनआई अधिनियम मामले, बैंक वसूली मामले, एमएसीटी मामले, वैवाहिक विवाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली और पानी बिल (गैर को छोड़कर) शामिल थे। -शमनयोग्य चोरी के मामले), वेतन और भत्ते और सेवानिवृत्ति लाभ, राजस्व मामले और अन्य सिविल मामले (किराया, आसान अधिकार, निषेधाज्ञा सूट, विशिष्ट प्रदर्शन सूट) से संबंधित सेवा मामले उठाए गए।

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला मुख्यालय पर 13 खण्डपीठों का गठन किया गया था जिसकी अध्यक्षता श्रीमान कर रहे थे। कृष्ण कुमार सिंगला, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश; श्री बरजिंदर पाल सिंह, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय; श्री अनीश गोयल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट; श। मुकेश कुमार सिंगला, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी; श्री देवनूर सिंह, सिविल जज (जूनियर डिवीजन); सुश्री विश्वज्योति, सिविल जज (जूनियर डिविजन); सुश्री वैष्णवी सिक्का, सिविल जज (जूनियर डिवीजन); सुश्री नेहा जिंदल, सिविल जज (जूनियर डिवीजन); श्री के.एस. सुल्लर, पीठासीन अधिकारी, औद्योगिक न्यायाधिकरण; सुश्री गुरमीत कौर, अध्यक्ष, स्थायी लोक अदालत (पीयूएस); श्री एस.के. अग्रवाल, अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता आयोग; श्री अर्जुन ग्रेवाल, तहसीलदार, एसएएस नगर और श्री। दर्शन सिंह, नायब तहसीलदार, बनूड़।

इसके अलावा, श्री के सब-डिवीजन, खरड़ में 4 बेंच। करुण गर्ग, सिविल जज (जूनियर डिवीजन); सुश्री मंज़रा दत्ता, सिविल जज (जूनियर डिवीजन); श। मनीष कुमार, तहसीलदार और श्रीमती जसबीर कौर, नायब तहसीलदार, माजरी और सुश्री पवलीन सिंह, अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की सब-डिवीजन, डेराबस्सी में 4 बेंच; सुश्री मनजोत कौर, सिविल जज (जूनियर डिवीजन); श। -कुलदीप सिंह, तहसीलदार, जीरकपुर और श्री। हरिंदरजीत सिंह, नायब तहसीलदार नेशनल लोक अदालत के लिए टीम गठित की गई थी।

इस राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु श्री. जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरपाल सिंह ने न्यायिक अधिकारियों, बार एसोसिएशन एसएएस नगर, डेराबस्सी और खरड़ के अध्यक्षों और सचिवों, अन्य विभागों यानी बैंकों, बिजली विभाग, श्रम विभाग, बीमा कंपनियों आदि के अधिकारियों की विभिन्न बैठकें बुलाई थीं ताकि उन्हें जागरूक किया जा सके। राष्ट्रीय लोक अदालत. उन्हें राष्ट्रीय लोक अदालत में उठाए जा सकने वाले अधिकतम मामलों की पहचान करने और प्री-लोक अदालतों और राष्ट्रीय लोक अदालतों में उनके निपटान के लिए अधिकतम प्रयास करने के लिए भी प्रेरित और निर्देश दिए गए।

सुश्री सुरभि पराशर, सचिव, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, एसएएस नगर ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में 17043 मामले उठाए गए, जिनमें से 14021 मामलों का निपटारा समझौते के आधार पर किया गया और 41,72 रुपये की राशि का पुरस्कार दिया गया। ,45,289/- विभिन्न लोक अदालत पीठों द्वारा पारित किये गये।

उन्होंने यह भी बताया कि नौ जोड़े जो असहमति  नाराज़गी के चलते अलग-अलग रह रहे थे और एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमा कर रहे थे, वे इसी अदालत की कोशिशों से फिर पर लौट आए। पीठासीन अधिकारियों और उनके सदस्यों के प्रयासों से राष्ट्रीय लोक अदालत में फिर से मिल गए।

उनके समझौते के लिए प्री-लोक अदालतों में परामर्श सत्र आयोजित किए गए और इस तरह की काउंसलिंग के बाद, वे अंततः अपने सभी विवादों और मतभेदों को सुलझाकर एक साथ रहने के लिए सहमत हुए। उन्हें एक-एक पौधा देकर सम्मानित किया गया और पौधे को उगाने और अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए प्रेरित किया गया।

Thursday, March 7, 2024

9 मार्च को लगेगी मोहाली में 2024 की राष्ट्रीय लोक अदालत

Thursday 7th March 2024 at 6:23 PM 

समाज के कमजोर वर्गों को इसका फायदा भी समझ में आने लगा है 


एसएएस नगर
: 7 मार्च, 2024: (कार्तिका कल्याणी सिंह-मीडिया लिंक//मोहाली स्क्रीन डेस्क)::

बात तब की है जब शिक्षा भी कम थी और तकनीकी सुविधाएं भी कम थी तो झगड़ों झमेलों को पंचायती आधार पर सुलझा लिया जाता था। उसी न्याय प्रणाली से एक संकल्पना ने जन्म लिया तांकि लोगों को न्याय  प्राप्ति की एक ऐसी प्रक्रिया दी जाए जो सर्वसुलभ भी हो और आसान भी हो। उसी संकल्पना के साकार रूप को आज बहुत ही प्रेम और सम्मान से लोक अदालत कहा जाता है। 

लोक अदालत  मौजूदा नवीनतम रूप का यह इतिहास कोई ज़्यादा पुराना भी नहीं। न्याय को तीव्र, सस्ता सुलभ बनाने की इन्हीं कोशिशों के अंतर्गत पहली लोक अदालत 14 मार्च 1982 को गुजरात के जूनागढ़ में आयोजित की गई थी। इसके जल्दी ही बाद महाराष्ट्र ने 1984 में लोक न्यायालय की शुरुआत की। इस प्रक्रिया में कुछ और तेज़ी आई और कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 ने लोक अदालतों को वैधानिक दर्जा भी प्रदान कर दिया। 

इसी के चलते भारत के संविधान के अनुच्छेद 39-ए में संवैधानिक आदेश के अनुसार। यह निःशुल्क और सक्षम कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए कानूनी सेवा प्राधिकरण का गठन भी किया गया। इसकी लोकप्रियता भी तेज़ी से बढ़ने लगी। समाज के कमजोर वर्गों को इसका फायदा भी समझ में आने लगा। 

लोक अदालतों में बहुत से विवादों के मामले पहुंचने लगे। इनमें ज़्यादातर मामले मोटर दुर्घटना दावा मामले, वैवाहिक/पारिवारिक विवाद, श्रम विवाद, टेलीफोन, बिजली जैसी सार्वजनिक सेवाओं से संबंधित विवाद,  बैंक वसूली मामले, भूमि अधिग्रहण विवाद हुआ करते। 

सत्र प्रभाग, एसएएस नगर में, राष्ट्रीय लोक अदालत श्री के नेतृत्व में 09.03.2024 को आयोजित की जाएगी। हरपाल सिंह, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिसमें 4092 प्री-लिटिगेटिव और 5521 लंबित मामलों सहित 9613 मामलों की सुनवाई 20 बेंचों द्वारा की जाएगी। जिला मुख्यालय, एसएएस नगर में 12 लोक अदालत बेंच मामलों को निपटाने के लिए काम करेंगी, जबकि खरड़ में 4 बेंच और डेरा बस्सी में 04 बेंच मामलों के निपटारे के लिए काम करेंगी।

आपराधिक समझौता योग्य अपराध, धारा-138 के तहत एनआई अधिनियम के मामले, बैंक वसूली मामले, एमएसीटी मामले, वैवाहिक विवाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली और पानी के बिल (गैर-समझौता योग्य चोरी के मामलों को छोड़कर), वेतन और भत्ते से संबंधित सेवा मामले और पार्टियों के बीच निपटान के लिए सेवानिवृत्ति लाभ, राजस्व मामले और अन्य नागरिक मामले (किराया, आसान अधिकार, निषेधाज्ञा सूट, विशिष्ट प्रदर्शन सूट) आदि पर विचार किया जाएगा।

सुश्री सुरभि पराशर, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-सह-सचिव, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, एसएएस नगर ने जनता से दोनों पक्षों की जीत की स्थिति के लिए लोक अदालत के माध्यम से अपने मामलों को निपटाने का आग्रह किया। 

उन्होंने आगे खुलासा किया कि लोक अदालत में निपटाए गए मामले का निर्णय अंतिम होगा और इसके खिलाफ कोई अपील या पुनरीक्षण नहीं होगा। लोक अदालत में अपने मामले का निपटारा करने पर पक्षकारों को उनके द्वारा लगाई गई अदालती फीस वापस कर दी जाती है।

एडीसी मोहाली द्वारा कॉन्टिनेंटल एजुकेशन गाइडलाइंस फर्म का लाइसेंस रद्द

Saturday 23rd March 2024 at 7:14 PM लाइसेंस की अवधि 14 नवंबर 2022 को समाप्त हो गई थी  साहिबजादा अजीत सिंह नगर : 23 मार्च 2024 : ( कार्तिका क...