भूल कर भी इस नियम की अवहेलना मत कीजिये
चंडीगढ़/पंचकूला/मोहाली/खरड़: 28 मार्च 2020: (पुष्पिंदर कौर//मोहाली स्क्रीन)::
हालात लगातार नाज़ुक हैं। हालात के बिगड़ने के लिए जाने अनजाने वे सभी लोग ज़िम्मेदार हैं जो इस नाज़ुक मौके पर भी बार बार सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की अवहेलना करके लॉकडाऊन का मकसद ही खत्म कर रहे हैं। लगता है इन लोगों ने शायद सरकार और विज्ञान दोनों को ही नाकाम करने की ठान रखी है। कर्फ्यू में ढील मिलते ही झट से एक दुसरे के साथ सट कर खड़े हो जाते हैं।
लुधियाना के सिवल लाईन्ज़ में ढील के दौरान खरीद करते लोग जिन्हें कोरोना की कोई चिंता नहीं |
हालात लगातार नाज़ुक हैं। हालात के बिगड़ने के लिए जाने अनजाने वे सभी लोग ज़िम्मेदार हैं जो इस नाज़ुक मौके पर भी बार बार सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की अवहेलना करके लॉकडाऊन का मकसद ही खत्म कर रहे हैं। लगता है इन लोगों ने शायद सरकार और विज्ञान दोनों को ही नाकाम करने की ठान रखी है। कर्फ्यू में ढील मिलते ही झट से एक दुसरे के साथ सट कर खड़े हो जाते हैं।
चंडीगढ़, खरड़, मोहाली और पंचकूला के क्षेत्रों में यही कुछ देखने को मिल रहा है। पिछले 5 दिनों से जारी लॉकडाउन में शनिवार को भी प्रशासन के ढील देते ही सड़कों पर लोगों की हलचल शुरू हो गई। कि इनमें पढ़े लिखे नज़र आने वाले लोग भी शामिल थे। सरकार की सभी कोशिशों के बावजूद ये लोग घर बैठने को राज़ी नहीं लगते। सड़कों पर यूं निकलते हैं जैसे कोरोना पहले इन्हीं लोगों ने अपनी फोटो खिंचवानी हो और कह रहे हों- आ कोरोना आ--मार कोरोना मार।
पिछले तीन दिनों से प्रशासन के दिए हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल कर राशन, ग्रॉसरी, दूध, फल और सब्जियां मंगवा रहे थे अब घर में बैठे बोर हो गए। इन लोगों के सब्र का बांध टूट गया और दुकानों पर जाकर सामान खरीदने बहाने फिर से भीड़ कर दी। सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की धज्जियां उड़ा दी इन लोगों ने। शाम तक इसी तरह लोगों का बाजारों में आना जाना जारी रहा। खरीदो फरोख्त चलती रही। अगर कुछ भूला था तो वह था कोरोना का भय।
दूसरी तरफ कर्फयू में पुलिस मुख्य मार्गों पर तो बहुत ही मुस्तैदी से तैनात रही और किसी भी बाहरी वाहन को शहर में दाखिल नहीं होने दिया गया लेकिन सेक्टरों में लोग दुकानों पर उमड़ते रहे। यूटी प्रशासन की तरफ से लोगों को हेल्पलाइन नंबरों के जरिए दुकानों में संपर्क करने और खरीदारी करने के लिए लिए बकायदा सूची भी जारी की गई थी और साथ में प्रशासन बसों के जरिए खाद्य वस्तुएं भी सप्लाई कर रहा था इसके बावजूद लोगों की शिकायतें थी कि उन तक सामान नहीं पहुंच रहा है। इनमें से बहुत सी शिकायतें सच्ची भी हो सकती हैं बावजूद कोरोना को कम करके आंकने का नज़रिया कहां तक सही है?
इसी बीच शहरी क्षेत्र की एसआरटी की ओवर आल इंचार्ज सिटको की प्रबंध निदेशक जसविन्दर कौर ने कहा कि शहर की किसी भी मार्किट में भीड बिलकुल भी जमा नहीं हुई। लोगों ने बाकायदा सही ढंग से लाईनों में लग कर पूरे अनुशासन ज़रूरी सामान खरीदा।
उनके इस बयान के बावजूद कर्फ्यू तोड़ने की शिकायतें भी मिलीं। कर्फ्यू कर्फ्यू तोड़ने वाले 675 लोग पकड़े भी गए। चंडीगढ़ में कर्फ्यू के दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था बानी रहे इसके लिए पूरा ध्यान भी दिया गया। मकसद के लिए यूटी पुलिस ने लोगों की मूवमेंट पर कड़ी सख्ती से कड़ी गरानी रखी। शहर के तीनों जोन में कर्फ्यू तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 675 लोगों को हिरासत में लिया गया जिनमें तीन लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज किए गए। एसएसपी निलांबरी जगदले ने कहा कि शनिवार को पुलिस ने 460 वाहनों को जांच के लिए पकड़ा जिनमें से 241 वाहनों को जब्त किया गया। पुलिस और प्रशासन सख्ती ज़रूरी भी है और आगे भी जारी रहेगी लेकिन लोगों को खुद भी तो समझना होगा। कोरोना बेहद गंभीर वायरस है इसका अहसास होगा। इस गंभीरता होते ही समज आएगी सोशल डिस्टेंसिंग की आवश्यकता और अहमियत। उचित होगा जो सरकार कहती है। इन नियमों का पालन कर के ही बचाई अपनी और अपने परिवार की जान। कर्फ्यू में भी कोई मुसीबत आ जाये और बाहर मजबूरी ही बन जाये तो भी उन नंबरों पर सम्पर्क किया जाये जो प्रशासन ने जारी हैं। सोशल डिस्टेंसिंग सकती से पालना आवश्यक है। इसके साथ खिलवाड़ मत कीजिये। -पुष्पिंदर कौर
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